Bhagavad Gita Shloka Chapter 1, Verse 1 – Radhakrishnaquotes.com
नमस्कार प्रिय मित्रों! आज हम एक और अद्भुत श्लोक के साथ आपके साथ हैं, जो भगवान श्री कृष्ण ने हमें दिया। हर दिन, हम भगवद गीता के एक श्लोक को लेकर आपके पास आते हैं, और उसका अर्थ सरल शब्दों में समझाते हैं। आज हम अध्यक्ष 1, श्लोक 1 पर विचार करेंगे। जब भगवान श्री कृष्ण ने यह श्लोक कहा, तो यह न केवल उस समय के लिए था, बल्कि हमारी ज़िंदगी में भी इसके गहरे अर्थ छुपे हैं। यह श्लोक हमारे जीवन के कठिनतम पलों में भी मार्गदर्शन देता है। मुझे उम्मीद है कि जैसे एक सच्चा मित्र हमें अपनी बातें बताता है, वैसे ही यह श्लोक आपके दिल तक पहुंच कर आपको शांति और प्रेरणा देगा। 1. संस्कृत श्लोक: धृतराष्ट्र उवाच धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः। मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत सञ्जय।। 2. हिंदी अनुवाद: धृतराष्ट्र ने कहा: हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में युद्ध की इच्छा से एकत्र हुए मेरे और पांडवों के पुत्रों ने क्या किया? 3. English Translation Dhritarashtra said: O Sanjay, gathered on the holy land of Kurukshetra, eager to fight, what did my sons and the sons of Pandu do? 4. सरल व्याख्या (Explanation in Simple Hindi…